पैग़म्बरसल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का हुलया (रूप रेखा): पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का आकारदरमियानी था, दोनों कंधों के बीच दूरी थी, बाल दोनों कानों की लौ तक पहुँचते थे। आपका मुखड़ा सबसे अधिक सुंदर था और आपकी बनावट बहुत अच्छी थी, आप न लम्बे तड़ंगे थेऔर न ही नाटे खोटे। आप का रंग न निर्मल सफेद था न बिल्कुल गन्दुमी। आप के बाल नअधिक घूंघरियाले थे, न बिल्कुल खड़े खड़े। आपका चेहरा सब से अधिक सुंदर था, आपगोरे सलोने चेहरे वाले थे मानो वह चाँदी का बना हुआ है, आप का रंग चमकदार था, आप कापसीना गोया मोती होता था। दाढ़ी के बाल बहुत अधिक थे। जाबिर बिन समुरह से पूछा गयाकिः क्या पैग़म्बर का चेहरा तलवार जैसा था? तो उन्हों ने कहाः 'नहीं, बल्कि सूरजऔर चाँद जैसा था और वह गोल था'। आप का मुँह बड़ा, पलकें लम्बी और ऎडि़याँ पतली थीं।आप गेारे सलोने, न भारी-भरकम न दुबले पतले, न लम्बे न नाटे, बल्कि दरमियानी डील-डोलवाले थे। आप के दोनों हाथ और पाँव भारी भरकम और दोनों हथेलियाँ विशाल थीं। अनस कहतेहैं: मैं ने कोई रेाम व दीबा (एक प्रकार का रेामी कपड़ा) नहीं छुआ जो पैग़म्बरसल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की हथेली से अधिक कोमल नरम हो। और न कभी कोई कस्तूरी याअंबर सूंघी जो पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की खुश्बू से बेहतर हो। (देखियेसहीह बुख़ारी व सहीह मुस्लिम)