हज़रत पैगंबर-उन पर इश्वर की कृपा और सलाम हो- अपनी पवित्र पत्नियों के साथ किस तरह व्यवहार करते थे? हज़रत पैगंबर-उन पर इश्वर की कृपा और सलाम हो-अपनी सभी पत्नियों को ख़ुशी और सुख दिया करते थे l क्योंकि वह महिला के साथ व्यवहार के नियमों को अच्छी तरह जानते थे l वह सदा धर्म और संसार के कामों पर उनकी सहायता करते थे l उनकी पवित्र पत्नियां और हमारी मोमिन माएं कैसी थीं यह एक प्रश्न है ? जिसका उत्तर यह है कि यदि हम हज़रत मुहम्मद-उन पर इश्वर की कृपा और सलाम हो- की ज़िंदगी और हज़रत मुहम्मद-उन पर इश्वर की कृपा और सलाम हो- की पवित्र पत्नियों पर लिखी गई पुस्तकों को खोलते हैं तो हमें पता चलता है और उन पुस्तकों में समान रूप से यही मिलता है कि वे सब के सब रातों में बहुत प्रार्थना करने वालियां और रोज़ा और उपवास का ख्याल रखती थीं l उन सब को अल्लाह से अत्यंत निकटता प्राप्त था और वे अल्लाह की बहुत इबादत करती थीं l इसी कारण उन्हें इस महान सम्मान के साथ सम्मनित किया गया था l उनको यह सम्मान मिला की सारे विश्वासियों की माता कहलाईं l और इस जीवन में भी हज़रत पैगंबर-उन पर इश्वर की कृपा और सलाम हो- की पवित्र पत्नियां बनीं और इसके बाद आखिरत में भी हमारे प्रिय पैगंबर हज़रत मुहम्मद मुस्तफा-उन पर इश्वर की कृपा और सलाम हो-की पत्नियां होंगी l वास्तव में उन्होंने अपने और अपने पालनहार के बीच के संबंध को ठीक और शुद्ध कर लिया था तो अल्लाह सर्वशक्तिमान ने उनके सांसारिक और आखिरत के कामों को ठीक कर दिया l लेकिन अब हमारी बहनों और हमारे भाइयोँ की स्तिथि क्याहै? मुझे पता है कि मेरे इस लेख को पढ़ने वालों में कुछ लोग विवाहित होंगे और कुछ लोग अविवाहित होंगे लेकिन अविवाहित भी अपने माता पिता और रिश्तेदारों और दोस्तों को देख कर वैवाहिक जीवन की बहुत सारी बातों को जानते होंगे l यहाँ प्रश्न उठता है कि हमारे इस समय में वैवाहिक जीवन की खुशिया क्यों दुर्लभ हैं ? क्या ख़ामी और कमी हमारे ज़माने में है? नहीं, बल्कि वास्तव में कमी तो पुरुषों और महिलाओं समेत हम लोगों में है l तथ्य यह है कि हमने इस जीवन को भौतिकवाद संस्कृति के द्वारा बर्बाद कर के रख लिया है l हमने अपने धर्म, अपनी इस्लामी सभ्यता कोभुला दिया , और हम हज़रत पैगंबर-उन पर इश्वर की कृपा और सलाम हो- की शिक्षाओं से दूर हो गए l हम अल्लाह के प्यार से दूर होगए और सार्वजनिक रूप से और खुलेआम पापों में डूब गए l हम पाप करते समय लोगों की आँखों से तो छिप जाते हैं लेकिन क्या हमारे दिल को एक पल के लिए अल्लाह से डर नहीं रहता है और हमारी आँख को शर्म नहीं आती है, जबकि तथ्य यह है कि अल्लाह हमें देख रहा है l फिर, अब हमें क्या करना चाहिए जिसके द्वारा हमारे वैवाहिक जीवन में खुशी वापस आ सके ? इस के लिए केवल एक ही रास्ता है, वह है अल्लाह और उसके पैगंबर का रास्ता l इस के द्वारा ही प्रत्येक पति अपनी पत्नी का आनंद ले सकता है और वैवाहिक जीवन में खुशी का अर्थ पा सकता है और उस आनंद को पा सकता जो अल्लाह सर्वशक्तिमान ने वैवाहिक जीवन में रखी है l सच तो यही है कि हम अपनी मूर्खता के कारण उस खुशी से हट गए और उसे खो बैठे l प्रिय भाइयो और बहनो! इसी कारण मैंने इस सीरीज़ के विषय में सोचा कि "हज़रत पैगंबर एक पति के रूप में" के विषय पर एक लेख पेश करूँ और हर उस पति और पत्नी के लिए उपहार मैं इसे प्रस्तुत करूँ , जिनके बीच दूरी पैदा हो गई और जो एक बार फिर एक दूसरे के साथ प्यार को बहाल करना चाहते हैं l मुझे आशा है कि आप मेरी इस सीरीज़ को पढेंगे और उस से लाभ लेंगेl अल्लाह आपको भला बदला अनुदान करे l हे अल्लाह हमारे प्रमुख हज़रत मुहम्मद पर और उनके परिवार, संतान और साथियों पर आशीर्वाद उतार और बहुत बहुत सलाम भेज l