नींद से जागने की सुन्नतें: १- चेहरे पर से सोने के असर को हाथ से खत्म करना: इमाम नववी और इब्ने-हजर ने इसे पसन्दीदा बात बताया है क्योंकि इस विषय में एक हदीस आई है कि: अल्लाह के पैगंबर-उन पर इश्वर की कृपा और सलाम हो- नींद से उठे और अपने हाथ से अपने चेहरे पर से नींद के चिन्हों को पोछने लगे. इसे इमाम मुस्लिम ने उल्लेख किया है. २ – यह दुआ पढ़ना भी सुन्नत है: ( الحمد لله الذي أحيانا بعدما أماتنا وإليه النشور ) (अल-हमदुल्लाहिल लज़ी अहयाना बादमा अमातना व इलैहिन-नुशूर) परमेश्वर का शुक्र है, कि उसने हमें मौत देने के बाद फिर से जीवित किया, और उसी की ओर लौटना है. इसे इमाम बुखारी ने उल्लेख किया है. ३- मिस्वाक या (दातून) : (अल्लाह के पैगंबर-उन पर इश्वर की कृपा और सलाम हो-जब रात में जागते थे तो मिस्वाक से अपने दांत को घंसते थे. इमाम बुखारी और मुस्लिम इस पर सहमत हैं. उस के कारण: १ – इसकी विशेषताओं में यह भी शामिल है कि चुस्ती और फुर्ती पैदा होती है. २ - और मुंह का गंध खत्म होता है.