सलाम फेरने से पहले दुआ करनाः 176- फिर वह, कुर्आन व हदीस से साबित दुआओं में से जो जी में आये, अपने लिए दुआ करे, और वे बहुत ज़ियादह और अच्छी दुआयें हैं, अगर उसे उन में से कुछ भी याद न हो, तो जो भी उस के लिए संभव हो अपने दीन या दुनिया के हित के लिए दुआ करे।