इमाम को ग़लती पर सावधान करना (लुक़्मा देना)
68- अगर इमाम कुरआन की क़िराअत करते हुए अटक जाये तो मुक़तदी के लिए उसको लुक़्मा देना (सुझाव देना) मसनून है।