-नमाज़ पढ़ लेने के बाद की दुआएं पढ़नी चाहिए
नमाज़ पढ़ लेने के बाद सूर्य निकलने तक मस्जिद में ही रुकना चाहिए और स्त्री अपनी नमाज़ पढ़ने की जगह में रुकेगी उसके बाद ज़ुहा की नमाज़ पढ़े क्योंकि इसका बदला एक हज और पूरा उमरा का पुण्य है और इस समय को पवित्र क़ुरआन के पढ़ने और अल्लाह सर्वशक्तिमान के शुभ शब्द में विचार करने में लगाना चाहिए l अल्लाह सर्वशक्तिमान ने फ़रमाया :
﴿وَقُرْآنَ الْفَجْرِ، إِنَّ قُرْآنَ الْفَجْرِ كَانَ مَْشهُودًا﴾ ]الإسراء [.78:
(निश्चय ही फ़ज्र का क़ुरआन पढ़ना हज़ूरी की चीज़ है) (बनी इसराइल:७८)
-सवेरे की दुआएं पढ़नी चाहिए और फिर ज़ुहा की नमाज़ पढ़नी चाहिए l (याद रहे कि ज़ुहा की नमाज़ सूर्य के निकलने के तीन घंटे बाद पढ़ी जाती हैl) और यह नमाज़ कम से कम दो रकअत है और यदि और भी पढ़ना चाहते हैं तो दो रकअत और पढ़ सकते हैं और इस से बढ़ कर अगर आप और पढ़ना चाहते हैं तो जितनी पढ़ना चाहते हैं पढ़ें l