जब आप अपने काम को निकल रहे हैं तो जान लें कि कि काम को जाते हुए भी आप इबादत (उपासना) में हैं (इसलिए कि काम भी करना इस्लाम धर्म में एक प्रकार की इबादत है) इसलिए जब तक आप काम में लगे हैं तो अल्लाह से पुण्य की आशा रखिए l और फिर जो समय आपका कार्यालय को जाने में लगता है उसे आप अल्लाह से माफ़ी मांगने की दुआ और अल्लाह के महिमा बोलने में और क़ुरआन सुनने में लगा सकते हैं l अल्लाह से डरिए और अपनी ज़ुबान और हाथ पैर को बचा कर चलिए l किसी को कोई गालीगलौज और दुख मत पहुंचाईए, और यदि कार्यालय में कोई काम न हो तो उस समय को पवित्र क़ुरआन के पढ़ने में लगाईए l