-अज़ान के शब्दों को दुहराएं
-अज़ान और इक़ामत के बीच दुआ करें और दुआ के स्वीकार होने के समय से लाभ उठाएँ l
-ज़ुहर की फ़र्ज़ नमाज़ से पहलेवाली चार रकअत सुन्नत नमाज़ पढ़ें l
नमाज़ खड़ी होने से पहले के समय को क़ुरआन पढ़ने में लगाएं l (यह अच्छी बात है कि आप सदा अपने साथ छोटे साइज़ का एक क़ुरआन रखा करें जो सदा काम में या स्कूल आदि...... में आपके साथ रहे l
-नमाज़ के बाद दुआएं और ज़िक्र पढ़ें l
-ज़ुहर की फ़र्ज़ नमाज़ के बाद दो रकअत सुन्नत पढ़ें l
* ऐसे लोग जिनके पास उस समय में कोई काम न हो तो उस समय को कई प्रकार की इबादतों में लगा सकते हैं l और अधिक से अधिक क़ुरआन पढ़ा करें l