तर्जुमा: ह़ज़रत आबू फिरास रबीआ़ बिन कअ़ब असलमी जो अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम के ख़ादिम और सुफ़्फ़ा वालों में से हैं वह कहते हैं मैं (ख़िदमत के लिए) अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम के साथ रात गुजारता था। (जब आप सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम तहज्जुद के लिए उठते तो) मैं वुज़ू का पानी और दूसरी जरूरी चीज़ें लेकर आप की खिदमत में हाजिर होता। एक बार आप सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने मुझसे फरमाया: "(जो चाहो) मांगो।" तो मैंने कहा: "मैं आपसे यह चाहता हूँ कि जन्नत में भी आपका साथ मिले।" आप सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम वसल्लम ने फ़रमाया: " इसके अलावा कुछ और?" मैंने कहा: " बस यही " तो आप सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया: " तुम अपने मामले में बहुत ज़्यादा सजदे करके मेरी मदद करो।"