तर्जुमा: ह़ज़रत अ़दी बिन ह़ातिम से उल्लेख है कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अ़लैहि ने जहन्नुम का ज़िक्र किया तो उससे पनाह मांगी और चेहरा से नापसंदगी का इज़हार किया, वह कहते हैं कि ऐसा तीन बार किया, फिर आप सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने फरमाया: "जहन्नुम की आग से बचो भले ही खजूर के एक टुकड़े ही (के सदका़ देने) के जरिए हो और अगर यह भी नहीं कर सकते तो अच्छी बात करके ही (बचो)।"