तर्जुमा: ह़ज़रत उ़क़बा बिन आ़मिर रद़ियल्लाहु अ़न्हु कहते हैं कि मैंने नबी ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम से पूछा: "ए अल्लाह के रसूल! (जहन्नुम से) बचने का क्या तरीक़ा है?" तो आप सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया: "अपनी ज़ुबान का़बू में रखो, अपने घर की चौड़ाई में रहो और अपनी गलती पर रोओ।"