तर्जुमा: ह़ज़रत अ़ब्बास बिन अब्द अल मुत़्त़लिब कहते हैं कि मैंने (अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम से) कहा: ए अल्लाह के रसूल! मुझे कोई ऐसी चीज़ सिखाइये जिसे मैं अल्लाह से मांगता रहूँ। नबी सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने फ़रमाया: "अल्लाह से (खैर और) आ़फियत (भलाई) मांगो।" फिर कुछ दिन बाद मैं अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम के पास आया और मैंने कहा: "ए अल्लाह के रसूल! मुझे कोई ऐसी चीज़ सिखाइये जिसे मैं अल्लाह तआ़ला से मांगता रहा हूँ। "तो नबी सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया:"ए अ़ब्बास! ए अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम के चचा! दुनिया और आखिरत में (खैर और) आ़फियत (भलाई) मांगो।"