तर्जुमा: ह़ज़रत उ़समान बिन अबु अल-आ़स सक़फ़ी बयान करते हैं कि उन्होंने अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम से अपने बदन के उस दर्द की शिकायत की जिसे वह उस समय से महसूस कर रहे थे जबसे वह इस्लाम लाए थे। आप सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया: अपना हाथ दर्द की जगह पर रख कर तीन बार "बिस्मिल्लाह" और सात बार यह दुआ़ पढ़े "