1. सामग्री
  2. पैगंबर मुहम्मद की नमाज़ का विवरण
  3. दोनों हाथों को रखने का बयान और उस का तरीक़ा

दोनों हाथों को रखने का बयान और उस का तरीक़ा

दोनों हाथों को रखने का बयान और उस का तरीक़ाः

36- फिर तकबीर कहने के बाद ही (नमाज़ी) अपने दाहिनें हाथ को बायें हाथ पर रख ले, और यह पैगंबरों (उन पर अल्लाह की दया औऱ शांति अवतरित हो) की सुन्नत है और अल्लाह के पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अपने सहाबा रज़ियल्लाहु अन्हुम को इस का आदेश दिया है, अतः दोनों हाथों को लटकाये रखना जाइज़ नहीं है।

37- और वह दायें हाथ को अपने बायें हाथ की हथेली की पीठ पर, और कलाई और बाज़ू पर रखे।

38- और कभी कभी अपने दायें हाथ से बायें हाथ को पकड़ ले। किन्तु जहाँ तक इस बात का संबंध है कि बाद के कुछ उलमा (विद्वानों) ने एक ही समय में एक साथ हाथ को रखने और मुट्ठी से पकड़ने को श्रेष्ठ कहा है, तो इस का कोई आधार नहीं है।

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पैगंबर हज़रत मुहम्मद के समर्थन की वेबसाइटIt's a beautiful day