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मुस्कान पैगंबर मुह़म्मद (सल्लल्ललाहु अलैहि व सल्लम) का आदर्श वाक्य थी
पैगंबर मुह़म्मद (सल्लल्ललाहु अलैहि व सल्लम) धैर्य (सहनशीलता ) और सुंदर व महान क्षमा करने वाले व्यक्ति थे
पैगंबर मुह़म्मद (सल्लल्ललाहु अलैहि व सल्लम) आसानी और सरलता वाले व्यक्ति थे
पैगंबर मुह़म्मद (सल्लल्ललाहु अलैहि व सल्लम) मृदु हृदय वाले साथी थे
पैगंबर मुह़म्मद (सल्लल्ललाहु अलैहि व सल्लम) महान और उच्च व्यायाम को प्रोत्साहित करते थे।
पैगंबर मुह़म्मद (सल्लल्ललाहु अलैहि व सल्लम ) विशिष्ट और असाधारण नागरिय नियोजन के निर्माता हैं
पैगंबर मुह़म्मद (सल्लल्ललाहु अलैहि व सल्लम ) एक महान शिक्षक थे।
पैगंबर मुह़म्मद (सल्लल्ललाहु अलैहि व सल्लम ) युध्द में (कुलीन योद्धा)
पैगंबर मुह़म्मद (सल्लल्ललाहु अलैहि व सल्लम ) की नैतिकता क़ुरआन थी
दिन और रात की हज़ार सुन्नतें
कहो : " में अल्लाह पर ईमान लाया, फिर ईसी पर क़ायम रहो "
कमज़ोर मोमिन की तुलना में शक्ति शाली (ताक़तवर ) मोमिन अधिक अच्छा और अल्लाह को अधिक प्रिय है रहो "
अल्लाह (के आदेशों ) की सुरक्षा कर अल्लाह तेरी सुरक्षा करेगा।
पांच (चीजों) को पांच से पहले ग़नीमत जानो
" जो व्यक्ति अल्लाह और आखिरत के दिन पर ईमान और विश्वास रखता है, वह अपने पड़ोसी को कष्ट न पहुंचाए
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