1. सामग्री
  2. हम अपने दिलों में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के प्यार को कैसे बढ़ायें ?

हम अपने दिलों में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के प्यार को कैसे बढ़ायें ?

Under category :
2894 2013/04/02 2024/11/21
Article translated to : العربية English Français

पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की मोहब्बत की शक्ति मुसलमान के ईमान (विश्वास) के अधीन होती है, यदि उसका ईमान बढ़ता है तो पैगंबर से उसकी मोहब्बत भी बढ़ जाती है, क्योंकि आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की मोहब्बत आज्ञाकारिता और निकटता का कार्य है, और शरीअत ने नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की मोहब्बत को कर्तव्यों (वाजिबात) में से करार दिया है।

अनस रज़ियल्लाहु अन्हु से वर्णित है कि उन्हों ने कहा : “तुम में से कोई भी व्यक्ति मोमिन नहीं हो सकता यहाँ तक कि मैं उस के निकट उस के बाल-बच्चों, उस के माता पिता और समस्त लोगों से अधिक प्रिय - महबूब - हो जाऊँ।” इसे बुखारी (हदीस संख्या : 15) और मुस्लिम (हदीस संख्या : 44) ने रिवायत किया है।

पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की मोहब्बत निम्नलिखित बातों की जानकारी से आ सकती है :

सर्व प्रथम :

आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अपने पालनहार की ओर से भेजे हुए हैं, उसने आपको चुन लिया है और सर्वसंसार वालों पर चयन कर लिया है, ताकि आप लोगों को अल्लाह का संदेश पहुँचायें, और यह कि अल्लाह ने आपको आपसे मोहब्बत करने और आपसे प्रसन्न होने के कारण आप को चुना है। अगर अल्लाह तआला आप से प्रसन्न न होता तो आपको न चुनता और आपको प्राथमिकता न देता। तथा हमारे लिए अनिवार्य है कि जिससे अल्लाह ने प्यार किया है हम उससे प्यार करें और जिससे अल्लाह प्रसन्न हुआ है, हम उससे प्रसन्न हों। और इस बात को जान लें कि आप अल्लाह के खलील (मित्र) हैं, और खुल्लत (मित्रता) का पद ऊँचा है और वह मोहब्बत का सर्वोच्च पद है।

जुनदुब बिन अब्दुल्लाह अल-बजली रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि उन्हों ने कहा : मैं ने अल्लाह के पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को आपकी मृत्यु से पाँच रातें पहले फरमाते हुए सुना :

“मैं अल्लाह के सामने इस बात से बेज़ारी प्रकट करता हूँ कि तुम में से कोई मेरा खलील (मित्र) है, क्योंकि अल्लाह तआला ने मुझे अपना खलील बनाया है जिस प्रकार कि इब्राहीम अलैहिस्सलाम को अपना खलील बनाया था, और यदि मैं अपनी उम्मत में से किसी को खलील बनाता तो अबू बक्र - रज़ियल्लाहु अन्हु - को अपना खलील बनाता।” (सहीह मुस्लिम, हदीस संख्या : 532)

दूसरा :

हम आपके उस पद व स्थान को जानें जिससे अल्लाह ने आपको चुना है, और यह कि आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम सबसे श्रेष्ठ मनुष्य हैं।

अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि उन्हों ने फरमाया कि अल्लाह के पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया :

“मैं क़ियामत के दिन आदम की सन्तान का सरदार हूँ, और मेरी ही क़ब्र सबसे पहले फटेगी, तथा मैं सब से पहला सिफारिशी हूँ और सब से पहले मेरी ही सिफारिश स्वीकार की जाए गी।” इसे मुस्लिम (हदीस संख्या : 2278) ने रिवायत किया है।

तीसरा :

हम इस बात को जान लें कि आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इस कारण कष्ट, कठिनाई और विपदा का सामना किया कि हम तक दीन पहुँच जाए, और - अल्लाह की सर्वप्रशंसा है कि - ऐसा ही हुआ, और हमें इस बात का अवश्य ज्ञान होना चाहिए कि अल्लाह के पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को आघात पहुँचाया गया, मारा गया, गाली दी गई, बुरा भला कहा गया और आपके सबसे निकट लोग आप से अलग थलग होगए, और आप को पागलपन, झूठ और जादू से आरोपित किया, और आप ने दीन की रक्षा के लिए लोगों से लड़ाई की ताकि वह हम तक पहुँच सके, तो उन लोगों ने आप से लड़ाई की और आपको आपके परिवार, धन और घर से निकाल दिया, और आपके लिए सेनायें जुटाईं।

चौथा :

आपके सहाबा रज़ियल्लाहु अन्हुम का उनके आपसे अटूट प्यार में अनुसरण करना, चुनाँचे वे आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से धन और  संतान से बढ़कर, बल्कि स्वयं अपनी जानों से अधिकतर प्यार करते थे, आपके सामने इसके कुछ उदाहरण प्रस्तुत हैं :

अनस रज़ियल्लाहु अन्हु से वर्णित है कि उन्हों ने कहा : “मैं ने अल्लाह के पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को देखा है, जबकि नाई आपके बाल मूँड रहा था और आपके सहाबा आप को घेरे हुए थे, तो वे एक बाल भी किसी आदमी के हाथ में ही गिरने देना चाहते थे।” इसे मुस्लिम (हदीस संख्या : 2325) ने रिवायत किया है।

तथा अनस रज़ियल्लाहु अन्हु से ही वर्णित है कि उन्हों ने कहा : “जब उहुद की लड़ाई का दिन था तो लोग नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास से छट गए, जबकि अबू तलहा नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के सामने थे, आपकी अपने एक ढाल से रक्षा कर रहे थे, और अबू तलहा बहुत निपुण सख्त तीर अंदाज़ थे, उस दिन उन्हों ने दो या तीन कमानें तोड़ डालीं। तथा कोई आदमी अपने साथ तीरों का थैला (तरकश) लेकर गुज़रता था, तो आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम उस से कहते थे कि इसे अबू तलहा के लिए बिखेर दो। नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम सिर उठाकर क़ौम की ओर देखते, तो अबू तलहा कहतेः ऐ अल्लाह के नबी, मेरे माँ बाप आप पर क़ुर्बान हों, आप सिर उठाकर न देखें, आपको क़ौम की कोई तीर न लग जाए, मेरा सीना आपके सीने के सामने है . . . इसे बुखारी (हदीस संख्या : 3600) और मुस्लिम (हदीस संख्या : 1811) ने रिवायत किया है।

पाँचवां : आपकी सुन्नत का पालन किया जाए चाहे वह कर्म से संबंधित हो या कथन से, और आपकी सुन्नत आपके लिए आदर्श मार्ग हो जिसका आप अपने पूरे जीवन में पालन करें। आपकी बात को हर बात पर प्राथमिकता दें, आपके आदेश को हर आदेश पर वरीयता दें। फिर आपके सम्मानित सहाबा रज़ियल्लाहु अन्हुम के अक़ीदा का पालन करें, फिर उनका पालन करने वाले ताबेईन के अक़ीदा का पालन करें, फिर हमारे आज के दिन तक उनके मार्गदर्शन का अनुसरण करने वाले अहले सुननत व जमाअत के अक़ीदा का पालन करें जो बिद्अत पर चलने वाले न हों, विशेषकर राफिज़ी लोग, क्योंकि पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के सहाबा के प्रति उनके दिल बहुत सख्त हैं, और वे उन पर अपने इमामों को प्राथमिकता देते हैं और सहाबा किराम से अधिक उनसे मोहब्बत करते हैं।

हम अल्लाह से प्रश्न करते हैं कि वह हमें अपने पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की मोहब्बत प्रदान करे और उन्हें हमारे निकट हमारे बाल बच्चों, हमारे माता पिता, हमारे परिवार और हमारी जानों से अधिक प्रिय बना दे। और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।

 

इस्लाम प्रश्न और उत्तर

 

पैगंबर हज़रत मुहम्मद के समर्थन की वेबसाइटIt's a beautiful day