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र्इश्वरीय धर्म शास्त्र
यह किसी इन्सान का बनाया हुआ धर्म नहीं है जैसा कि हम (इस का) वर्णन कर चुके हैं; क्योंकि यदि ऐसा होता तो इस के अन्दर कमी तथा नक़्स की संभावना होती, परन्तु यह तो र्इश्वरीय धर्म है जो र्इश्वरीय आदेश द्वारा संदेष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के ऊपर उतरा फिर संदेष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इस र्इश्वरीय संदेश को उसी प्रकार लोगों तक पहुँचाया जिस प्रकार यह अल्लाह तआला की ओर से उतरा था तथा इसी लिए अल्लाह ने क़ुरआन के अन्दर सूचना दी कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का कलाम उस अल्लाह की ओर से अवतरित वहय है जिस के अन्दर चाहत (मन) का दखल नहीं है, अल्लाह तआला ने फरमाया:
وَمَا يَنْطِقُ عَنْ الْهَوَى (النجم: 3).
إِنْ هُوَ إِلاَّ وَحْيٌ يُوحَى (النجم: 4).
'' और यह अपने मन से कोर्इ बात नहीं करते हैं यह तो केवल र्इश्वरीय आदेश है जो उतारा जाता है। (सूरतुन नज्म:3,4)