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(47) सात (आफतों के आने से पहले) जल्दी-जल्दी नेक काम कर लो।

179 2020/09/05
(47) सात (आफतों के आने से पहले) जल्दी-जल्दी नेक काम कर लो।

عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ – رضي الله عنه- أَنَّ رَسُولَ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ قَالَ:

"بَادِرُوا بِالْأَعْمَالِ سَبْعًا هَلْ تَنْتَظِرُونَ إِلَّا فَقْرًا مُنْسِيًا، أَوْ غِنًى مُطْغِيًا، أَوْ مَرَضًا مُفْسِدًا، أَوْ هَرَمًا مُفَنِّدًا، أَوْ مَوْتًا مُجْهِزًا، أَوْالدَّجَّالَ، فَشَرُّ غَائِبٍ يُنْتَظَرُ أَوْ السَّاعَةَ، فَالسَّاعَةُ أَدْهَى وَأَمَرُّ".

: ह़ज़रत अबू हुरैरह रद़ियल्लाहु अ़न्हु कहते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अ़लैहि

तर्जुमा वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया:"सात (आफतों के आने से पहले) जल्दी-जल्दी नेक काम कर लो। क्या तुम्हें  (अल्लाह से) गाफिल कर देने वाली गरीबी, या ऐसी मालदारी जो तुम्हें भ्रष्ट बना दे, या हलाक कर देने वाली बीमारी या ऐसे ही बुढ़ापे जिससे अगले सठिया जाए या अचानक आने वाली मौत का इंतजार है या फिर दज्जाल जैसी बुरी गायब चीज़ का इंतजार है या फिर क़यामत का? बेशक कयामत तो बहुत हैबत नाक और कड़वी है। "

इस ह़दीस़ शरीफ में नबी ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने एक बेहतरीन और शानदार वसीयत की है और प्रश्न के तरीके के जरिए उस पर भी जोर दिया है जो कि बिना किसी हिचकिचाहट और सुस्ती के नेक काम को जल्दी करने पर उभारने का एक बेहतरीन और लाभदायक तरीका है। लिहाज़ा हर व्यक्ति को चाहिए कि वह अपनी तंदुरुस्ती और अपने समय से फायदा उठाकर जल्दी-जल्दी नेक काम कर ले क्योंकि कहीं ऐसा ना हो कि बाद में जब उसके पास में काम करने की ताकत ना हो या समय ना हो तो वह अफसोस करे। क्योंकि उस समय अफसोस करना कुछ फायदा ना देगा।
नबी ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम के फरमान:"सात आफतों के आने से पहले जल्दी जल्दी नेक काम कर लो।" का मतलब है कि नेक काम करने, उन्हें उनकी सही़ह़ जगहों में तलाश करने, उन तक पहुंचाने वाले ऐसे रास्तों का सही़ह़ और मुनासिब रास्तों को चुनने में मौकों का फायदा उठाओ जो तुम्हारे लिए दुनिया और आखिरत में ज़्यादा फायदेमंद व लाभदायक हो और ज़्यादा सवाब का कारण बनें। और इसमें ईमानदारी से काम लो यानी अल्लाह की रजा़ और खुशी के लिए ही नेक काम करो। 
चुनांचे यह सभी चीज़ें जल्दी करने के माना में शामिल हैं बल्कि इसका माना और भी ज़्यादा है तथा नेक काम में एक दूसरे से मुकाबला करना, एक दूसरे की मदद करना और उसमें बहुत ज़्यादा कोशिश करना, इबादत और मामलों में शरीरिक और आध्यात्मिक तौर से कोशिश करके अल्लाह से ज़्यादा सवाब की उम्मीद रखना आदि ये सब चीज़ें भी जल्दी करने के माना में शामिल हैं। 
बुद्धिमान व्यक्ति अपनी कोई घड़ी भी ऐसी नहीं गुजरने देता है जिसमें वह कोई नेक काम ना करे जो उसे अल्लाह के करीब करेगा। ना वह अपने और अपने मुसलमान भाइयों के लिए भलाई और उसके कारणों और रास्तों व तरीकों के हासिल करने में कोई कसर छोड़ता है। और ना ही वह कभी अल्लाह का ज़िक्र छोड़ता है क्योंकि वह जानता है कि अल्लाह का ज़िक्र ही बेहतरीन सहायक और मददगार है।

पैगंबर हज़रत मुहम्मद के समर्थन की वेबसाइटIt's a beautiful day