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(56) ए मेरे रब! मैंने तेरा नाम लेकर अपनी करवट को रखा है।

199 2020/09/05
(56) ए मेरे रब! मैंने तेरा नाम लेकर अपनी करवट को रखा है।

عن أَبي هُريرةَ - رضي الله عنه- قَالَ: قالَ رسولُ اللَّهِ ﷺ:

إِذا أَوَى أَحَدُكُم إِلى فِراشِهِ، فَلْيَنْفُض فِراشَهُ بداخِلَةِ إِزَارِهِ فإِنَّهُ لاَ يَدْرِي مَا خَلَفَهُ عَلَيْهِ، ثُمَّ يَقُولُ: بِاسْمِكَ رَبِّي  بِكَ وَضَعْتُ جَنْبي، وَبِكَ أَرْفَعُهُ، إِنْ أَمْسَكْتَ نَفْسِي فَارْحَمْها، وإِنْ أَرْسَلْتَهَا، فَاحْفَظْهَا بِمَا تَحْفَظُ بِه عِبادَكَ الصَّالِحِينَ.

तर्जुमा: ह़ज़रत अबू हुरैरह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया:

" जब तुम में से कोई अपने बिस्तर पर लेटने का इरादा करे तू अपनी इज़ार के अंदरूनी किनारा खींच कर उससे अपना बिस्तर झाड़ ले। इस लिए कि उसे नहीं पता कि (उसके जाने के बाद) बिस्तर पर कौन सी चीज़ पड़ी है। फिर कहे:

 بِاسْمِكَ رَبِّي بِكَ وَضَعْتُ جَنْبِي، وَبِكَ أَرْفَعُهُ، فَإِنْ أَمْسَكْتَ نَفْسِي، فَارْحَمْهَا، وَإِنْ أَرْسَلْتَهَا فَاحْفَظْهَا بِمَا َ تَحْفَظُ بِهِ عِبَادَكَ الصَّالِحِينَ

(बिइसमिक रब्बी वद़अ़तु जंबी, व बिक अफ़उ़हू, फ़इन अमसक्त नफ़्सी फ़रह़म्हा वइन अरसल्त फ़ह़फ़ज़्हा बिमा तह़फ़िज़ु बिही इ़बादक अल - सालिही़न)

(तर्जुमा: ए मेरे रब! मैंने तेरा नाम लेकर अपनी करवट को रखा है। और तेरे ही नाम से उसको उठाउंगा। फिर अगर तू मेरी जान को रोक ले (यानी अब मैं ना जागूं और मर जाऊं) तो उस पर रह़म (दया) करना और अगर तू छोड़ दे (और मैं जागूं) तो उसकी हिफाज़त करना उन चीज़ों के जरिए जिन से तू अपने नेक बंदों की हिफाज़त करता है।"

यह ह़ज़रत अबू हुरैरह रद़ियल्लाहु अ़न्हु अल्लाह से उल्लेखित एक दूसरी ह़दीस़ पाक है जिसमें नबी ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने एक मुसलमान को यह वसीयत की है कि वह बिस्तर पर सोने जाने से पहले उसे अपने कपड़े (या किसी और चीज़) से झाड़ ले। क्योंकि कहीं ऐसा ना हो कि उस पर कोई कीड़ा आदि हो और उसे नुकसान पहुंचा दे। और फिर झाड़ने के बाद लेटकर ऊपर दी गई दुआ़ पढ़े।

नबी ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने बिस्तर को झड़ने की वजह बयान करते हुए फरमाते हैं: " इसलिए कि उसे नहीं पता कि उसके बिस्तर को छोड़कर जाने के बाद कौन सी चीज़ उसमें आकर बैठ गई हो।"

बेशक इस्लाम पाकी और सफाई का धर्म है। और रसूले अकरम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम शारीरिक और अखलाकी (भौतिक और नैतिक) रूप से सबसे ज़्यादा पाक और साफ़ व्यक्ति थे। और अपने कपड़ों और बिस्तर की सफाई का सबसे ज़्यादा ख्याल रखते थे।

नबी ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम के फरमान: "बिइसमिक रब्बी वद़अ़तु जंबी " का मतलब है कि ए अल्लाह! तेरी हि मदद और तेरे ही नाम की कृपा से मैंने अपनी करवट को बिस्तर पर रखा है। और ए मेरे अल्लाह! अगर तू ना होता तो ना तो मैं हरकत कर पाता और ना ही सुकून से रह पाता। इसलिए कि मेरी सारी ताकत तुझी से है। तेरे ही नाम से सभी आसमान और जमीनें कायम हैं। और तेरे ही नाम से सारी कायनात का निजा़म चल रहा है। और ए मेरे अल्लाह! अगर तू चाहे तो तेरे ही नाम से मैं इस बिस्तर से उठूंगा। क्योंकि ना तेरे फैसले को कोई रद्द करने वाला है और ना ही तेरे हुक्म को कोई टालने वाला है।

पैगंबर हज़रत मुहम्मद के समर्थन की वेबसाइटIt's a beautiful day