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(68) ज़्यादा हंसना दिल को मुर्दा करता है।

250 2020/09/05
(68) ज़्यादा हंसना दिल को मुर्दा करता है।

قَالَ النبيُ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ:

".... وَلَا تُكْثِرْ الضَّحِكَ، فَإِنَّ كَثْرَةَ الضَّحِكِ تُمِيتُ الْقَلْبَ".

तर्जुमा:नबी ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया:

".......और ज़्यादा मत हंसो क्योंकि ज़्यादा हंसना दिल को मुर्दा करता है। "

यह जो ह़दीस़ पाक में आया है कि ज़्यादा हंसना दिल को मुर्दा करता है तजुर्बे से साबित है कि ज़्यादा वही हंसता है जो मानसिक हवस, एख़लाक़ी बिगाड़ और दिल की बीमारी का शिकार होता है कि वह बिना किसी फायदे के अपने दिल से तकलीफ देने वाला दर्द, गम घबराहट और अंधेरे को दूर करने की कोशिश करता है। उसकी मिसाल ऐसे ही जैसे कि अधमरा पक्षी व परिंदा जो है दर्द की तकलीफ से नाच रहा हो।

अगर ये गुरुर करने वाले और लापरवाह लोग अपने मरने के बाद के खतरनाक अ़ज़ाब को जान लें तो हरगिज़ इतना कभी ना हंसें।

 रसूल ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने यह नहीं फ़रमाया कि हंसना दिल को मुर्दा करता है बल्कि यह फ़रमाया कि ज़्यादा हंसना दिल को मुर्दा करता है

लिहाज़ा इंसान को मुनासिब जगह और मुनासिब हालत में कभी-कभी थोड़ा बहुत हंसना भी चाहिए और अक्लमंद व बुद्धिमान व्यक्ति बेहतर जानता है कि कब उसे हंसना चाहिए और कब नहीं।

पैगंबर हज़रत मुहम्मद के समर्थन की वेबसाइटIt's a beautiful day