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(125) यकीनन दुनिया मीठी और हरी-भरी है।

192 2020/09/06
(125) यकीनन दुनिया मीठी और हरी-भरी है।

عَنْ أَبِي سَعِيدٍ الْخُدْرِيِّ عَنْ النَّبِيِّ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ قَالَ:

"إِنَّ الدُّنْيَا حُلْوَةٌ خَضِرَةٌ، وَإِنَّ اللَّهَ مُسْتَخْلِفُكُمْ فِيهَا، فَيَنْظُرُ كَيْفَ تَعْمَلُونَ، فَاتَّقُواالدُّنْيَا وَاتَّقُوا النِّسَاءَ، فَإِنَّ أَوَّلَ فِتْنَةِ بَنِي إِسْرَائِيلَ كَانَتْ فِي النِّسَاءِ".

तर्जुमा: ह़ज़रत अबू सई़द खुदरी रद़ियल्लाहु अ़न्हु बयान करते हैं कि नबी ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया:"यकीनन दुनिया मीठी और हरी-भरी है। और बेशक अल्लाह तुम्हें उसमें (तुमसे पहले वालों का) जानशीन (वारिस) बनाएगा। फिर देखेगा कि तुम कैसे काम करते हो। लिहाज़ा दुनिया (में डूब जाने) से बचे रहना। और औरतों (के फितनों में पड़ने) से दूर रहना। क्योंकि बनी इस्राइल में से सबसे पहला फितना औरतों (के मामले) में ही था।"

दुनिया की तारीफ और बुराई समय के एतबार से नहीं बल्कि लोगों के कामों के एतबार से की जाती है। क्योंकि कुछ तो केवल दुनिया ही के लिए काम करते हैं और आखिरत के लिए कुछ नहीं करते। और कुछ आखिरत के लिए करते भी हैं तो बहुत थोड़ा सा करते हैं और दुनिया ही के पाने को अपनी मंजिले मकसूद समझते हैं। जबकि कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो सिर्फ और सिर्फ आखिरत के लिए ही काम करते हैं और दुनिया की कुछ परवाह नहीं करते भले ही दुनिया उनकी मुट्ठी में आ जाए या चली जाए।

वास्तव में दुनिया की जिंदगी ऐश और आराम से भरी हुई है लेकिन यह जल्द खत्म होने वाली है जो हमेशा नहीं रहेगी। तो जो चाहे इस से अपना हिस्सा लेकर इससे फायदा उठाए और जो चाहे कोई कुबूल न होने वाली दलील की बुनियाद पर या तक़वा और परहेज़गारी का झूठा दावा करके अपने आप को इसके फायदे से महरूम रखे और उससे बिल्कुल अलग-थलग हो जाए।

नबी ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम के फरमान: "यकीनन दुनिया मीठी और हरी-भरी है।" से दो निम्नलिखित चीज़ों का पता चलता है:

पहली चीज़ तो यह दुनिया में किसी तरह किसी हद तक किसी व्यक्ति के लिए किसी समय में मिठास है। तो मोमिन को चाहिए कि जितना अल्लाह ने उसे इस दुनिया से दिया है उससे फायदा हासिल करे और आनंद ले और अपने अल्लाह का उस नेमत पर शुक्रिया अदा करे। क्योंकि शुक्र अदा करने से नेमत में ज़्यादती होती है।

दूसरी चीज़ यह के यह दुनिया जल्द ही खत्म होने वाली है। क्योंकि हरियाली जल्द ही खत्म हो जाती है। लिहाजा इंसान को चाहिए कि वह इस से अपना हिस्सा लेले और उसी पर राज़ी रहे। क्योंकि अल्लाह की तकदीर से राज़ी रहना ईमान का सबसे बड़ा दर्जा है इसके बाद कोई दर्जा नहीं। और अल्लाह के फैसले से राज़ी रहने वाले लोग ही सबसे बेहतर लोग हैं। वही हैं जिन्हें अल्लाह ने अपनी रजा़ की दौलत से नवाजा है। तो सारी बढ़ाई अल्लाह ही को है।

इस वसियत में मुखबंध और अंतभाषण दोनों हैं।

मुख्य बंद में दुनिया की कीमत और नेक और बुरे लोगों के नजदीक उसकी हैसियत बयान की गई है। तथा उसके जल्द खत्म होने और उसमें लोगों की जिम्मेदारी की तरफ भी इशारा किया गया है।

और अंतभाषण में इस बात को बयान किया गया है कि बनी इस्राइल किस तरह औरतों के चक्कर और उनके फितनों में गिरफ्तार थे। फिर आखिर में हमें उनकी मुखालिफत करने का आदेश दिया गया है। और आदतों और मामलों में उन जैसा बनने से मना किया गया है। क्योंकि वह इस दुनिया में सबसे बुरी कौम गुजरी है उससे बुरी कोई कौम न हुई सिवाय उन लोगों के जिन्होंने उसमें से तौबा कर ली और ईमान लाकर नेक काम किए। लेकिन ऐसे बहुत कम लोग हुए।

पैगंबर हज़रत मुहम्मद के समर्थन की वेबसाइटIt's a beautiful day