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(138) उसे शहद पिलाओ।
عَنْ أَبِي سَعِيدٍ – رَضِيَ اللَّهُ عَنْهُ – أَنَّ رَجُلًا أَتَى النَّبِيَّ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ فَقَالَ:
أَخِي يَشْتَكِي بَطْنَهُ، فَقَالَ: "اسْقِهِ عَسَلًا"، ثُمَّ أَتَى الثَّانِيَةَ فَقَالَ: "اسْقِهِ عَسَلًا" ثُمَّ أَتَاهُ الثَّالِثَةَ فَقَالَ: "اسْقِهِ عَسَلًا"، ثُمَّ أَتَاهُ فَقَالَ: قَدْ فَعَلْتُ، فَقَالَ: "صَدَقَ اللَّهُ وَكَذَبَ بَطْنُ أَخِيكَ، اسْقِهِ عَسَلًا، فَسَقَاهُ فَبَرَأَ".
तर्जुमा: ह़ज़रत अबू सई़द खुदरी रद़ियल्लाहु अ़न्हु बयान करते हैं कि एक व्यक्ति नबी ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम के पास आया और कहा कि मेरे भाई का पेट खराब हो गया है। तो नबी ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने उससे फरमाया कि उन्हें शहद पिलाओ। फिर वही व्यक्ति दूसरी बार आया। नबी ए करीम सल्लल्लाहु वसल्लम ने उससे इस बार भी शहद पिलाने के लिए कहा। वह फिर तीसरी बार आए और बोले कि आपके आदेश के मुताबिक मैंने काम किया। (लेकिन मेरा भाई ठीक नहीं हुआ।) तो नबी ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने फरमाया कि अल्लाह सच्चा है (कि शहद में इलाज है) और तुम्हारे भाई का पेट झूठा है। उन्हें फिर शहद पिलाओ। तथा उन्होंने अपने भाई को फिर शहद पिलाया तो वह उससे ठीक हो गए।
नबी ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम अपने सह़ाबा ए किराम रद़ियल्लाहु अ़न्हुम इकराम के बीच आयुर्विज्ञान (डाक्टरी या बीमारी के इलाज का ज्ञान) और हिकमत से मशहूर थे। आप रोग को पहचान लेते और उसकी सही दवा बताते। यह आप सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम की एक बसीरत (अन्तर्दृष्टि, परख) थी जो अल्लाह ने खासतौर पर आपको दी थी। लिहाज़ा आप सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम के पास जो भी व्यक्ति किसी शरई़ मसले या अपने भाई के दुनियावी फायदे के बारे में पूछने के लिए आता तो आप सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम उसके लिए अपना सीना खोल देते और उसे संतोषजनक जवाब देते जिससे वह खुश हो जाता और उसे अल्लाह की तरफ से वही़ (संदेश) समझता। लिहाज़ा जो भी नबी ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम उसे सलाह देते उसका पालन करता।
मैंने किसी किताब में पढ़ा है कि जिस व्यक्ति का पेट खराब हो गया हो वह शहद पिये। क्योंकि शहद पीने से दस्त होंगे जिसके द्वारा धीरे-धीरे वे सभी कीटाणु बाहर निकल जाएंगे जो पेट की खराबी कारण हुए हैं। यहाँ तक कि वह पूरे तौर पर ठीक हो जाएगा।
शहद किसी बीमारी के लिए किसी समय में किसी व्यक्ति के लिए किसी हद तक एक इलाज है। ऐसा नहीं है कि यह हर समय सभी लोगों के लिए सभी बीमारियों का इलाज है। जैसा कि इंसानी तबीयत और क़ुरआन और सुन्नत का थोड़ा सा भी ज्ञान रखने वाले सभी लोग इसे जानते हैं।
हमें जो दलीलों और अनुभवों से साबित हुआ है वह यह के शहद में बहुत से लोगों और बहुत सी लाइलाज बीमारियों का इलाज है। लेकिन तमाम बीमारियों और सब लोगों के लिए नहीं। बल्कि मामला ऐसे ही है जैसा कि हमने ऊपर बयान किया।
इस वसियत से हमें मालूम होता है कि नबी ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम का इस पर कितना विश्वास था कि शहद आमतौर पर पेट की बीमारियों का लाभदायक इलाज है। लेकिन यह बात इसके खिलाफ नहीं है कि शहद के अलावा दूसरी दवाईयाँ न हों और न ही इस बात के खिलाफ है कि नबी ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम के समय में मौजूदा बीमारियों के अलावा दूसरी बीमारियाँ न हो जिनका शहद से इलाज नहीं हो सकता। क्योंकि क़ुरआन और सुन्नत में कोई ऐसी दलील मौजूद नहीं है जो सामान्यता (उमूम) को बताती हो।