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जूते-चप्पल पहनने की सुन्नत
जूते-चप्पलपहनने की सुन्नत:
हज़रत पैगंबर-उन पर इश्वर की कृपाऔर सलाम हो-ने कहा:(यदि तुम में से कोई चप्पल पहने तो दाहिनेसे शुरू करे, और जब उतारे तो बायें से शुरू करे, और यदि पहने तो दोनों को पहने या उसे उतार ही दे.) इसे इमाम मुस्लिम ने उल्लेख किया है.
एक मुस्लिम को दिन और रात में कई बार इस सुन्नत का सामना होता है, क्योंकि मसजिद को जाते समय और निकलते समय, और बाथरूम में प्रवेश करते समय और निकलते समय, और घर से काम को जाते समय, और वहाँ से आते समय, इस सुन्नत की ज़रूरत पड़ती है. इस तरह जूते-चप्पल पहनने की सुन्नत दिन-रात में कई बार आती है, और यदि पहनने-उतारने में सुन्नत का ख्याल रखा जाए और दिल में नियत भी उपस्थित रहे तो बहुत बड़ी भलाई प्राप्त हो सकती है, और एक मुसलमान की आवाजाही उसका उठन-बैठन बल्कि उसके सारे कार्य सुन्नत के अनुसार हो जा सकते हैं.