1. सामग्री
  2. 30 वसियतें नबी सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम की दूल्‍हा-दुल्‍हन के लिए सुहागरात में
  3. (25) पति - पत्नी के लिए अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम की वसियतों में से एक वसियत यह है कि वे शुक्रवार को अंतरंग (शरीरिक )

(25) पति - पत्नी के लिए अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम की वसियतों में से एक वसियत यह है कि वे शुक्रवार को अंतरंग (शरीरिक )

Article translated to : العربية Français اردو

पति - पत्नी के लिए अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम की वसियतों में से एक वसियत यह है कि वे शुक्रवार को अंतरंग (शरीरिक ) संबंध बनाने से न भूलें।

औस बिन औस- रद़ीयल्लाहु अ़न्हु - से वर्णित है कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया:

"‏ مَنْ غَسَّلَ يَوْمَ الْجُمُعَةِ وَاغْتَسَلَ ثُمَّ بَكَّرَ وَابْتَكَرَ وَمَشَى وَلَمْ يَرْكَبْ، وَدَنَا مِنَ الإِمَامِ وَأَنْصَتَ وَلَمْ يَلْغُ كَانَ لَهُ بِكُلِّ خُطْوَةٍ عَمَلُ سَنَةٍ أَجْرُ صِيَامِهَا وَقِيَامِهَا ‏"‏.  ([1])

 " जिस व्यक्ति ने जुमा के दिन  (शुक्रवार) स्नान किया और स्नान कराया, जल्दी करके सवेरे मस्जिद गया और शुरू से खुत़बे (भाषण) में रहा, (इमाम के) पास बैठा,ध्यान से ख़ुत्बा सुना और खामोश रहा (यानी फालतू बात न की) तो उसे हर क़दम पर एक साल के रोज़े व क़ियामुल्लैल (रात को नमाज़ पढ़ने ) का अज्र व स़वाब मिलता है।"

कुछ लोगों ने कहा है :इस ह़दीस़ में अ़रबी शब्द" "ग़स्सल "का अर्थ: स्नान कराया" है, यानी जुमा की नमाज़ के लिए घर से निकलने से पहले पत्नी से संभोग किया। ताकि छर के बाहर वह पति अपने ऊपर काबू रखे और उसकी नज़र सुरक्षित रहे। इसी प्रकार वकी़अ् बिन अल जर्राह़ ने भी इसकी यही व्याख्या की है।

और इब्ने ख़ुज़ैमह -अल्लाह उन पर दया करे - ने कहा है : ह़दीस़ शरीफ में " स्नान किया और स्नान कराया," का मतलब है कि उसने अपनी पत्नी के साथ सम्भोग किया तो उस पर स्नान (गुस्ल ) वाजिब व ज़रूरी कर दिया। और ह़दीस़ शरीफ में अ़रबी शब्द "इबतकर" का अर्थ है कि खुत़बे (भाषण ) के शुरू से ही रहा। अतः जुमा कितनी ज़्यादा फज़ीलत है।

 



([1]) यह ह़दीस़ सही़ह़ है, अबु दाऊद (345), अह़मद (4/104), तिरमिज़ी (494), निसई (3/97) इब्ने माजह (1087)

 

Previous article Next article

Articles in the same category

पैगंबर हज़रत मुहम्मद के समर्थन की वेबसाइटIt's a beautiful day