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सुहागरात में दूल्हा-दुल्हन के लिए नबी सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम की 30 वसियतें
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जो व्यक्ति अल्लाह और आखिरत के दिन पर ईमान और विश्वास रखता है, वह अपने पड़ोसी को कष्ट न पहुंचाए
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जो चीज़ तूझे शक में डाले उसे छोड़कर ऐसी चीज़ ले जो तुझे शक में न डाले
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गुस्सा मत कर (क्रोधित न हो)
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30 वसियतें नबी सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम की दूल्हा-दुल्हन के लिए सुहागरात में
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30 वसियतें नबी सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम की दूल्हा-दुल्हन के लिए सुहागरात में
अल्लाह के मैसेंजर मुहम्मद के विषय में हमने
- 30 वसियतें नबी सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम की दूल्हा-दुल्हन के लिए सुहागरात में
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आखरी वसियत:जो महमान वलीमों(शादी की दावतों) में आएं उनके लिए क्या मुस्तह़ब है?
(31) इक्कतीसवीं वसियत: बुराइयों से युक्त वलीमों (दावतों) में न जाए
(30) तीसवीं वसियत: सुहागरात की सुबह में वलीमा करने की वसियत
(29) उन्तीसवीं वसियत: शादी के अगले दिन महमानों को सलाम करे और उनके लिए दुआ़ करे
मासिक धर्म के दौरान संभोग करने पर प्रतिबंध के कारण और रहस्य व राज़।
(28) अठ्ठाईसवीं वसियत: अगर कोई माहवारी में सम्भोग करले तो उसे कफ़्फ़ारा देने की वसियत।
(27) सत्ताईसवीं वसियत: माहवारी में सम्भोग न करने की वसियत।
(26) छब्बीसवीं वसियत: पति-पत्नी का एक साथ स्नान करना जायज़ है
(25) पच्चीसवीं वसियत: शुक्रवार (जुमा) को सम्भोग करने (यानी पत्नी के साथ शरीरिक संबंध बनाने) की फज़ीलत (विशेषता)
(24) चोबीसवीं वसियत: अंतरंग (यानी सम्भोग व बेडरूम) रहस्यों व राज़ों को दूसरों से ना बताए।
(23) तेईसवीं वसियत: जो सम्भोग (पत्नी के साथ सेक्स) करने के बाद जुनुबी (ऐसा नापाक व अपवित्र व्यक्ति जिस के लिए गुस्ल करना (यानी नहाना) अनिवार्य व फ़र्ज़ है।और इस पाठ में सभी जगह नापाक का अर्थ यही है।) सोना चाहे तो वह वुज़ू करे।
(22) बाईसवीं वसियत: दोबारा सम्भोग करने से पहले वुज़ू कर ले।
(21) इक्कीसवीं वसियत: " सतर " (अर्थ: छुपाना यानी शरीर का वह विशेष भाग जिसका छुपाना पुरूष और स्त्री हर एक के लिये अनिवार्य व ज़रूरी होता है उसे अरबी भाषा में "औरह" और उर्दू में सतर कहा जाता है)की सुरक्षा व हिफाज़त करने की वसियत।
(20) बीसवीं वसियत: माहवारी के दौरान सम्भोग (सेक्स) के अलावा सभ कुछ कर सकता है।
(19) उन्नीसवीं वसियत: भिविन्न प्रकार के जायज़ तरीकों से महिलाओं के साथ सम्भोग करना
(18) अठारहवीं वसियत: सम्भोग के समय शैतान को भगाने की दुआ़ पढ़ने की वसियत
(17) सत्रहवीं वसियत: गुदा (पाखाने की जगह) में सम्भोग न करने की वसियत
(16) सोलहवीं वसियत: पत्नी के घृणा व नफरत करने के डर के समय पति दुआ़ करे
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पैगंबर हज़रत मुहम्मद के समर्थन की वेबसाइट
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