Toggle navigation
होम पेज
वेबसाइट के बारे में
पुस्तकें
पैगंबर (सल्लल्लाहु अ़लैहि व सल्लम) की वसीयतें
पैगंबर (सल्लल्लाहु अ़लैहि व सल्लम) की वसीयतें
पैगंबर (सल्लल्लाहु अ़लैहि व सल्लम) की वसीयतें
सुहागरात में दूल्हा-दुल्हन के लिए नबी सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम की 30 वसियतें
संदेह और उनके उत्तर पहला भाग इस्लाम में महिला
बुराइयों, बीमारीयों और महामारीयों से बचाव तथा संरक्षण के लिये नबी (स0) के निदेश व हिदायात
अन्य
ऑडियो
अन्य
विडियो
इस्लाम के पांच मूल स्तंभ - ज़कात
806
2020/01/13
इस्लाम के पांच मूल स्तंभ - नमाज़ के बारे में अलर्ट
471
2020/01/13
इस्लाम के पांच मूल स्तंभ - रमजान का उपवास
593
2020/01/13
सुन्नत पर चलने का महत्व
1374
2018/04/08
अन्य
फोटो एल्बम
हम से संपर्क करें।
भाषा
عربي
English
Français
Español
Deutsch
Italiano
Português
中文
עברית
Русский
हिन्दी
اردو
日本の
Nederlands
Indonesia
한국어
मुहम्मद कौन हैं?
पैगंबर मुहम्मद एक पति के रूप में - अहमद क़ासि
दिन और रात की हज़ार सुन्नतें – खालिद अल-हुसैन
पैगंबर मुहम्मद की नमाज़ का विवरण
अल्लाह के पैग़म्बर मुहम्मद
भाषा
عربي
English
Français
Español
Deutsch
Italiano
Português
中文
עברית
Русский
हिन्दी
اردو
日本の
Nederlands
Indonesia
한국어
मुख्य मेनू
होम पेज
वेबसाइट के बारे में
बातचीत के मंच
पुस्तकें
ऑडियो
विडियो
फोटो एल्बम
हम से संपर्क करें।
सामग्री ( पैगंबर आज्ञाओं )
Search
Title
Content
Category
सामग्री
विडियो
ऑडियो
पुस्तकें
भाषा
All Languages
العربية
English
Français
Español
Deutsch
Italiano
Português
中文
עברית
Русский
हिन्दी
اردو
日本の
Nederlands
Indonesia
한국어
सामग्री
›
सामग्री ( पैगंबर आज्ञाओं )
सामग्री ( पैगंबर आज्ञाओं )
साझा (शेयर) करें :
मैंने ज़ुल्म को अपने ऊपर ह़राम क़रार दिया है।
सच को मज़बूती से पकड़ो।
हुकूमत मत मांगो।
मैं अल्लाह के मुकम्मल (सम्पूर्ण) शब्दों की पनाह में आता हूँ।
ए अल्लाह! मैं परेशानी और गम से तेरी पनाह चाहता हूँ
तुम में से जब कोई शख्स अपनी मस्जिद में (फर्ज़ यानी अनिवार्य) नमाज़ पढ़ ले तो अपनी नमाज़ का कुछ हिस्सा (यानी सुन्नत और नफ्ल) अपने घर में भी अदा करे।
मुर्दों को गाली मत दो।
बुखार को बुरा मत कहो। क्योंकि यह आदम की औलाद के गुनाहों को इस तरह दूर कर देता है जिस तरह भट्टी लोहे की जंग को दूर कर देती है।
तुम्हारे भाई तुम्हारे नौकर हैं।
तुम सब अल्लाह के बंदे हो।
अल्लाह से (खैर और) आ़फियत (भलाई) मांगो।
ए अल्लाह मैं तुझसे हर वह भलाई मांगता हूँ जो तेरे नबी मुह़म्मद सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने मांगी
तुम में से कोई " हाय समय की ना मुरादी (या कम्बख्ती)" (जैसा शब्द) ना कहे।
यह ता़ऊन (या प्लेग Plague) एक अ़ज़ाब है जो तुमसे पहले के लोगों पर भेजा गया था।
दो लानत के कामों (यानी जिनकी वजह से लोग तुम पर लानत करें उन) से बचें।
वापस जाओ और खूब अच्छी तरह अपना वुज़ू करो।
तुम में से कोई जब किसी औरत को देखे तो वह अपनी पत्नी के पास आ जाए।
खुश हो जाओ और ऐसी चीज़ की उम्मीद करो जो तुम्हें खुश कर देगी।
1
2
3
4
पैगंबर हज़रत मुहम्मद के समर्थन की वेबसाइट
It's a beautiful day