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यह ता़ऊन (या प्लेग Plague) एक अ़ज़ाब है जो तुमसे पहले के लोगों पर भेजा गया था।
ह़ज़रत उसामा रद़ियल्लाहु अ़न्हु बयान करते हैं: अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया: यह ता़ऊन (या प्लेग Plague) एक अ़ज़ाब है जो तुमसे पहले के लोगों पर भेजा गया था। (या यह फ़रमाया) बनी इस्राइल पर भेजा गया था। अगर यह किसी जगह हो तो तुम उससे से भागकर वहाँ से (कहीं ओर) मत जाना और अगर किसी दूसरी जगह में हो तो वहाँ मत जाना।"
इस्लाम अपने तरीके में हकी़क़त, यथार्थवादी, अपने कानूनों व नियमों में इंसाफ और अपने हुक्मों में आसानी पर आधारित है जो दुनिया और आखिरत दोनों में बंदो की मसलिह़तों (भाईयों) और फायदों का पूरा ख्याल रखता है।
बंदो की मसलिह़तें (या भलाईयाँ) दो चीज़ों पर आधारित हैं और वे दो चीज़ें: खराबीयों को दूर करना और मसलिह़तों को हासिल करना हैं।
बेशक खराबियों को दूर करना भालाईयों को हासिल करने से पहले है। जैसा कि इस्लामी नियमों के माहिर उ़लमा कहते हैं। इसी तरह बुरे अख़लाक या बुरी चीज़ों को छोड़ना अच्छे अख़लाक या अच्छी चीज़ों को अपनाने से पहले है जैसा के अज़हर के उ़लमा कहते हैं। तथा परहेज़ इलाज से बेहतर है जैसा कि डॉक्टर कहते हैं।
यकीनन यह ह़दीस़ शरीफ नुकसानदेह यानी हानिकारक बीमारियों और हलाक करने वाली यानी घातक आफतों से बचने के कानूनों और नियमों में से एक कानून और नियम है जिसे डॉक्टर क्वारंटीन (Quarantine) कहते हैं यानी महामारी (फैलने वाली) बीमारियों को रोकने के मकसद से स्वस्थ लोगों को रोगियों और रोगियों को स्वस्थ लोगों से मिलने से रोक देना।
ता़ऊन एक ऐसा घातक वरम है जो बगल, कान के पीछे, नाक और नरम गोश्त में पैदा होता है। यह एक ऐसी घातक बीमारी है कि यह जिस अंग में हो जाती है उसे और बराबर वाले को खराब कर देती है और कभी इसकी वजह से इंसान के अंदर से खून और पीप निकलती है जिसकी वजह से जल्द ही उसकी मौत हो जाती है।
नबी ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि के फरमान: " यह ता़ऊन एक अ़ज़ाब है।" का मतलब है कि यह एक सख्त अ़ज़ाब था जो बनी इसराइल या उन जैसे लोगों पर दुनिया में सजा़ के तौर पर भेजा गया था।