1. सामग्री
  2. पैगंबर (सल्लल्लाहु अ़लैहि व सल्लम) की आज्ञाएं व वसीयतें
  3. रह़म (दया) करने वालों पर सबसे ज़्यादा रह़म करने वाला (अल्लाह) रह़म करता है

रह़म (दया) करने वालों पर सबसे ज़्यादा रह़म करने वाला (अल्लाह) रह़म करता है

Article translated to : اردو العربية English Español

ह़ज़रत अ़ब्दुल्लाह बिन अ़म्र (अल्लाह उनसे राज़ी हो) से रिवायत है वह कहते हैं: अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अ़लैहि व सल्लम) ने फ़रमाया: रह़म (दया) करने वालों पर सबसे ज़्यादा रह़म करने वाला (अल्लाह) रह़म करता है, जो ज़मीन पर हैं तुम उन पर दया करो, जो असमान में है (यानी जिसकी क़ुदरत आसमानों में भी है) वह तुम पर दया करेगा, रहि़म(कोख या रिश्ता) रह़मान (सबसे ज़्यादा रह़म व दया करने वाला, और वह अल्लाह है) से निकला है, तो जिसने उसे मिलाया अल्लाह उसे मिलाएगा, और जिसने उसे काटा, अल्लाह उसे (अपनी दयालुता व रह़मत से) काट देगा।

इस ह़दीस़ में दयालु पैगंबर (सल्लल्लाहु अ़लैहि व सल्लम) के दिल से निकली दयालुता व रह़मत, अच्छाई और भलाई और प्यार व मोहब्बत ऐसे व्यक्ति के लिए भरी हुई है जो आपकी महान वसीयतों और मूल्य नसीह़तों को अच्छी तरह से प्राप्त करे, उनके पवित्र मूंह से निकले हुए हर शब्द को अच्छी तरह से सुने, उसे समझे और उसमें खुब सोच - विचार करे और जो कुछ सुना और समझा उसका पालन करने में अल्लाह से सहायता व मदद मांगे।

अतः अल्लाह के रसूल मुह़म्मद (सल्लल्लाहु अ़लैहि व सल्लम) -जैसा कि हम जानते और विश्वास रखते हैं- बहुत ही ज़्यादा बुद्धिमान, दयालु, कृपालु और महरबान पैगंबर हैं, आपके पवित्र दिल से दयालुता के फव्वारे बहते थे, फिर आपसे मोमिनों (मुसलमानों) ने दयालुता प्राप्त की, तो ईमान के साये में आपस में भाई भाई बन कर प्यार व मोह़ब्बत से रहे, अल्लाह -वह बरकत वाला है और बलन्द है -ही की मोहब्बत में एक दुसरे से मिलते और अल्लाह ही की मोह़ब्बत में जुदा होते थे, अतः वे इस्लामी महान शरीअ़त-जिसे अल्लाह के रसूल मोह़म्मद (सल्लल्ललाहु अ़लैहि वसल्लम) लाए- का पालन करने में बेमिसा़ल थे।

 

Previous article Next article

Articles in the same category

पैगंबर हज़रत मुहम्मद के समर्थन की वेबसाइटIt's a beautiful day