1. सामग्री
  2. 30 वसियतें नबी सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम की दूल्‍हा-दुल्‍हन के लिए सुहागरात में
  3. (27) सत्ताईसवीं वसियत: माहवारी में सम्भोग न करने की वसियत।

(27) सत्ताईसवीं वसियत: माहवारी में सम्भोग न करने की वसियत।

जिस महिला ने अपनी माहवारी के दौरान अपने पति को अपने साथ सम्भोग करने दिया तो वास्तव में उसने यह बहुत ही बुरा काम किया। और पति ने भी अल्लाह तआ़ला की सीमाओं का उल्लंघन किया।

ज़रा गौर करें कि माहवारी के दौरान सम्भोग करना कितना बुरा है।

अत: ह़ज़रत अबूहुरैरह -रद़ीयल्लाहु अ़न्हु - कहते हैं : अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : " जिसने माहवारी के दौरान महिला (पत्नी) से सम्भोग किया या उसके पीछे के भाग (यानी पाखाना करने के हिस्से ) में सम्भोग किया या भविष्यवाणी करने वाले के पास गया तो गोया उसने उस चीज़ का इन्कार किया जो मुह़म्मद सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम पर उतरी।" ([1])

पत्नी चाहे माहवारी में हो या न हो हर स्थिति में उसके पीछे के भाग (यानी पाखाना करने के हिस्से) में सम्भोग करना मना है।

भविष्यवाणी करने वाला : वह व्यक्ति है जो आने वाले समय में होने वाली जीज़ो को बताए। और रहस्यों व राज़ों के ज्ञान का दावा करे। अ़रब में भी भविष्यवाणी करने वाले बहुत लोग थे

 

 



([1]) यह ह़दीस़ सही़ह़ है, इसे इमाम अह़मद ने (2/408, 476) ,अबु दाऊद ने ( 3898,) तिरमिज़ी ने (135), निसई ने " महिलाओं के साथ व्यवहार " (131) में, इब्ने माजह ने (639), इब्ने अबी शैबह ने (4/252), इब्ने अल जारूद ने "अल मुन्तक़ा"  में(107) , दारमी ने (1/259), त़ह़ावी ने "  मआ़नी अलगा़नी में (3/44), बईहक़ी ने अपनी किताब " सुनने कुबरा" में ( 7/198) और उ़क़ैली (1/318) ने उल्लेख किया है।

 

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