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नमाज़ का कुछ भाग खड़े हो कर पढ़ना और कुछ बैठ क
नमाज़ का कुछ भाग खड़े हो कर पढ़ना और कुछ बैठ करः
11- रात की नमाज़ (तहज्जुद की नमाज़) को बिना किसी कारण के खड़े हो कर या बैठ कर पढ़ना जाइज़ है, तथा उन दोनों को एकत्रित करना भी जाइज है, चुनाँचि बैठ कर नमाज़ पढ़ने की शुरूआत करे और क़िराअत करे, और रुकू करने से थोड़ी देर पहले खड़ा हो जाए, और जो आयतें बाकी रह गई हैं उन्हें खड़े हो कर पढ़े, फिर रुकू और सजदह करे, फिर इसी प्रकार दूसरी रक़अत में भी करे।
12- और जब वह बैठ कर नमाज पढ़े तो चार ज़ानू हो कर (आल्ती पाल्ती मार कर) बैठे, या कोई अन्य बैठक (आसन) जिस में उसे आराम मिलता हो।