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अंगुली को हिलाना और उस की तरफ देखना
अंगुली को हिलाना और उस की तरफ देखनाः
135- अपनी दायीं हथेली की सभी अंगुलियों को समेट ले (मुट्ठी बना ले), और कभी कभार अपने अंगूठे को अपनी बीच वाली अंगुली पर रखे।
136- और कभी कभार उन दोनों (बीच वाली अंगुली और अंगूठे) का एक दायरा बना ले।
137- और अपनी शहादत वाली अंगुली से क़िब्ला की तरफ इशारा करे।
138- और अपनी नज़र को उस की तरफ गड़ाए रखे।
139- और तशह्हुद के शुरू से अंत तक उसे हिलाता रहे उस के साथ दुआ करता रहे।
140- और अपने बायें हाथ की अंगुली से इशारा न करे।
141- और यह सब चीजें हर तशह्हुद में करे।