सामग्री
अच्छाई करो और बुराई से बचो।
बल्कि काम करो और भरोसा करके बैठ मत जाओ।
केवल अल्लाह की कसम खाया करो और अल्लाह की कसम उसी सूरत में खाओ जब तुम सच्चे हो।
तुम्हारे पास जब कोई ऐसा व्यक्ति (विवाह का संदेश लेकर) आए जिसकी धार्मिकता और अखलाक से तुम संतुष्ट हो तो उससे विवाह कर दो।
बल्कि काम करो और भरोसा करके बैठ मत जाओ।
अपनी खेती में जैसे मर्जी करे आओ।
महिलाओं के साथ अच्छा व्यवहार करो।
कोई मोमिन पुरुष किसी मोमिना महिला से नफरत ना करे।
तुममें से कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को गुलामों की तरह कोड़ों से न मारे
जिसे पसंद हो कि उसकी रोजी़ में ज़्यादती हो और उसकी उम्र बढ़ा दी जाए तो वह रिश्तेदारी निभाए।
एक दूसरे से मुसाफा करो (यानी हाथ मिलाओ) नफरत दूर होगी।
तुम कभी दो आदमियों पर अमीर ना बनना और ना यतीम के माल के मुतवल्ली (देखभाल करने वाला या निगरानी करने लाना) बन्ना।
अपने भाई की मदद करो वह ज़ालिम या मज़लूम।
जब तुम जन्नत के बागों से गुज़रा करो तो चर लिया करो (या पेट भर लिया करो।)।
जो माल बिना ख्वाहिश और बगैर मांगें आए तो वह ले लिया करो
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