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गलती से काबा के अलावा किसी और तरफ नमाज़ पढ़न&
गलती से काबा के अलावा किसी और तरफ नमाज़ पढ़ने का हुक्मः
4- अगर कोई आदमी काफी प्रयास और तलाश के बाद बदली या किसी अन्य कारण काबा के अलावा किसी और तरफ मुँह कर के नमाज़ पढ़ ले तो उसकी नमाज़ सही (मान्य) है, और उसे नमाज़ लौटानी नहीं पड़ेगी।
5- और अगर कोई आदमी काबा के अलावा किसी अन्य दिशा की तरफ नमाज़ पढ़ रहा है,और उसी हालत में कोई भरोसेमंद आदमी आ कर उसे किब्ला के दिशा की सूचना दे, तो उसे जल्दी से काब़ा की दिशा में मुड़ जाना चाहिये, और उसकी नमाज़ सही (शुद्ध) है।