Search
दूसरी रकअत का बयान
Under category :
पैगंबर मुहम्मद की नमाज़ का विवरण
4020
2010/12/12
2025/05/30
दूसरी रकअत का बयानः
125- फिर अपने दोनों हाथों को ज़मीन पर टेकते हुए दूसरी रक़अत के लिये खड़ा हो, जिस प्रकार कि आटा गूंधने वाला उन दोंनों को मुठ्ठी बांधे होता है, और यह एक रुक्न है।
126- और इस में भी वही सब करे जो पहली रक़अत में किया था।
127- मगर इस में दुआ-ए इस्तिफ्ताह़ (प्रारंभिक दुआ) नहीं पढ़ेंगे।
128- और इस रकअत को पहली रकअत से छोटी करेंगे।