1. सामग्री
  2. अल्लाह के पैगंबर मुह़म्मद सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम का गैर-मुस्लिमों के साथ व्यवहार
  3. ग़ैर-मुस्लिमों के प्रकार

ग़ैर-मुस्लिमों के प्रकार

(2) ग़ैर-मुस्लिमों के प्रकार:

पहला परकार: वे गै़र-मुस्लिम जो बाहर और भितर दोनों तरह से गै़र-मुस्लिम हैं।

ये वे लोग हैं जिन्होंने कभी इस्लाम धर्म में प्रवेश नहीं किया, इन्हीं प्रकार के गै़र-मुस्लिमों में अहल ए किताब (यहूदी एवं ई़साई) और मजूसी (पारसी) आदि हैं।

दूसरा प्रकार: मुरतद्द

ये वे लोग हैं जिन्होंने इस्लाम धर्म में प्रवेश किया और फ़िर इसे छोड़ दिया, चाहे उन्होंने बालिग़ होने के बाद् इस्लाम में प्रवेश किया और फिर इसे छोड़ दिया, या उनके माता-पिता मुस्लिम थे इसलिए वे भी जन्म के बाद मुसलमान बन गए और जब वे बालिग़ हुए तो उन्होंने इस्लाम छोड़ दिया। और उनका क़ुफ्र सिद्ध हो गया है।

तीसरा प्रकार: वे लोग जिन्होंने इस्लाम का दिखावा किया और अपने दिलों में कुफ़्र छिपाए रखा, उन्हें मुनाफ़िक़ कहा जाता है।

कुरान में, अल्लाह तआ़ला (सर्वशक्तिमान) ने उनके नाम से पुरी एक सूरह उतारी है जिसमें उनका असली चेहरा और रसूल ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम के साथ उनके बुरे व्यवहार का उल्लेख किया है। वह सूरह “अल-मुनाफ़िक़ून” और सूरह “तौबा” है। और अन्य सूरतों में भी उन मुनाफ़िक़ों का उल्लेख है।

Previous article Next article
पैगंबर हज़रत मुहम्मद के समर्थन की वेबसाइटIt's a beautiful day