1. सामग्री
  2. अल्लाह के पैगंबर मुह़म्मद सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम का गैर-मुस्लिमों के साथ व्यवहार
  3. इसी तरह छींकने की सूरत में भी

इसी तरह छींकने की सूरत में भी

इमाम अबू दाऊद अपनी सुनन में ह़ज़रत अबू बुर्दा वह अपने पिता से उल्लेख करते हैं : वह कहते हैं: यहूदी जानबूझकर नबी -ए- करीम  सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम के सामने  छींकते थे  यह सोचकर कि आप सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम उनसे कहेंगे: "यरहमुकुम अल्लाहु" यानि अल्लाह तआला तुम पर रह़म (दया) करे। लेकिन आप सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम कहते थे: "यहदीकुम अल्लाहु व युसलिह़ु बा-लकुम” (यानी, अल्लाह तआला तुम्हें हिदायत दे और तुम्हारी इस्लाह करे)। (4/310)

काफिरों और मुशरिकों के लिए हिदायत की प्रार्थना करना उनकी दिल जोई के लिए है, इमाम बुखारी ने इस संबंध में अपनी पुस्तक के अंदर "बाब: अद्दुआउ लिल-मुशरिकीन बिल-हुदा लि-यतअल्लफ़हुम" के नाम से एक अध्याय लिखा है और उसमें तुफैल बिन अमर दोसी से मरवी उपर वाली हदीस-ए-पाक नक़ल की है।

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